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आधुनिकता की देन है हाई ब्लड प्रेशर, जानिए उच्चरक्तचाप को नियंत्रित रखने के उपाय

हाई ब्लड प्रेशर आजकल सामान्य हो चला है। इसकी बड़ी वजह अनियमित दिनचर्या और आधुनिक जीवन शैली है। ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी लोग अधिक तेजी से इसके शिकार हो रहे हैं।

उच्चरक्तचाप का प्रभाव

हाई ब्लड प्रेशर में चक्कर आने लगते हैं, सिर घूमने लगता है। रोगी का किसी काम में मन नहीं लगता। उसमें शारीरिक काम करने की क्षमता नहीं रहती और रोगी अनिद्रा का शिकार रहता है।

उच्चरक्तचाप का कारण

उच्च रक्तचाप में रक्त गाढ़ा हो जाता है। गाढा होने से उसका प्रवाह धीमा हो जाता है। तथा खून धमनियों में जमने लगता है। जिस कारण से शिराओं में खून पहुंच नही पाता और खून किं कमी हो जाती है इससे धमनियों और शिराओं में दवाब बढ जाता है।

उच्चरक्तचाप को दूर करने के उपाय

इस रोग का घरेलू उपचार भी संभव है, जिनके सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करने से बिना दवाई लिए इस भयंकर बीमारी पर पूर्णत: नियंत्रण पाया जा सकता है। जरूरत है संयमपूर्वक नियम पालन की। आइए जानें हाई ब्लड प्रेशर के लिए घरेलू उपाय।

हाई ब्लड प्रेशर के लिए घरेलू उपाय

1) नमक ब्लड प्रेशर बढाने वाला प्रमुख कारक है। इसलिए यह बात सबसे महत्वपूर्ण है कि हाई बी पी वालों को नमक का प्रयोग कम कर देना चाहिए।

2) बड़ी इलायची 200 ग्राम लेकर तवे पर इतनी देर तक सेकें कि जल कर राख हो जाये। इस राख को पीस-छान कर साफ शीशी में भर लें। एक छोटी चम्मच इलायची की राख और 2चम्मच शहद-इन दोनों को मिलाकर सुबह-शाम खायें। इसके बाद 20-25 मिनट तक पानी का सेवन न करें। 15 दिन तक लगातार प्रयोग करने से उच्च रक्तचाप सामान्य हो जायेगा।

3) लहसुन ब्लड प्रेशर ठीक करने में बहुत मददगार घरेलू उपाय है। यह रक्त का थक्का नहीं जमने देती है। धमनी की कठोरता में लाभदायक है। रक्त में ज्यादा कोलेस्ट्ररोल होने की स्थिति का समाधान करती है।

4) जब ब्लड प्रेशर बढा हुआ हो तो आधा गिलास मामूली गर्म पानी में काली मिर्च पाउडर एक चम्मच घोलकर 2-2 घंटे के फ़ासले से पीते रहें। ब्लड प्रेशर सही करने का बढिया उपचार है।

5) तरबूज के बीज की गिरि तथा खसखस अलग-अलग पीसकर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। एक चम्मच मात्रा में प्रतिदिन खाली पेट पानी के साथ लें।

6) बढे हुए ब्लड प्रेशर को जल्दी कंट्रोल करने के लिये आधा गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़कर 2-2 घंटे के अंतर से पीते रहें। हितकारी उपचार है।

7) पांच तुलसी के पत्ते तथा दो नीम की पत्तियों को पीसकर 20 ग्राम पानी में घोलकर खाली पेट सुबह पिएं। 15 दिन में लाभ नजर आने लगेगा।

8) हाई ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए पपीता भी बहुत लाभ करता है, इसे प्रतिदिन खाली पेट चबा-चबाकर खाएं।

9) नंगे पैर हरी घास पर 10-15 मिनट चलें। रोजाना चलने से ब्लड प्रेशर नार्मल हो जाता है।

10) सौंफ़, जीरा, शक्कर तीनों बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बना लें। एक गिलास पानी में एक चम्मच मिश्रण घोलकर सुबह-शाम पीते रहें।

11) पालक और गाजर का रस मिलाकर एक गिलास रस सुबह-शाम पीयें, लाभ होगा।

12) करेला और सहजन की फ़ली उच्च रक्त चाप-रोगी के लिये परम हितकारी हैं।

13) गेहूं व चने के आटे को बराबर मात्रा में लेकर बनाई गई रोटी खूब चबा-चबाकर खाएं, आटे से चोकर न निकालें।

14) ब्राउन चावल उपयोग में लाए। इसमें नमक, कोलेस्टरोल और चर्बी नाम मात्र की होती है। यह उच्च रक्त चाप रोगी के लिये बहुत ही लाभदायक भोजन है।

15) एक बडा चम्मच आंवले का रस और इतना ही शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है।

16) प्याज और लहसुन की तरह अदरक भी काफी फायदेमंद होता है। बुरा कोलेस्ट्रोल धमनियों की दीवारों पर प्लेक यानी कि कैल्शियम युक्त मैल पैदा करता है
जिससे रक्त के प्रवाह में अवरोध खड़ा हो जाता है और नतीजा उच्च रक्तचाप के रूप में सामने आता है। अदरक में बहुत हीं ताकतवर एंटीओक्सीडेट्स होते हैं जो कि बुरे कोलेस्ट्रोल को नीचे लाने में काफी असरदार होते हैं। अदरक से आपके रक्तसंचार में भी सुधार होता है, धमनियों के आसपास की मांसपेशियों को भी आराम मिलता है जिससे कि उच्च रक्तचाप नीचे आ जाता है।

17) तीन ग्राम मेथीदाना पावडर सुबह-शाम पानी के साथ लें। इसे पंद्रह दिनों तक लेने से लाभ मालूम होता है।

18) तिल्ली के तेल में न्यूनतम सैचुरेटेड फैट होते हैं इसलिए इससे बने खाद्य पदार्थ उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकते है।

19) अश्वगंधा, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, शतावरी, मुलहठी, आँवला, जटामासी, असली खुरासानी, अजवायन प्रत्येक का 50-50 ग्राम बारीक चूर्ण बना लें। रात को सोने के पूर्व 3 से 5 ग्राम मात्रा में दूध के साथ सेवन करें। उच्च रक्तचाप में आराम होता है और नींद भी अच्छी आती है।

20) सेव का सिरका विनेगर का प्रयोग भी उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखता है

21) आंवले का मुरब्बा खाना भी उच्च रक्तचाप रोगियों के लिए फायदेमंद होता है।

22) प्रतिदिन ध्यान योग करने से उच्चरक्त चाप में कमी आती है और नियंत्रित हो सामान्य बना रहता है।

23) विटामिन डी की कमी शरीर में उच्चरक्तचाप बढ़ाती है अतः सदैव अपना विटामिन डी लेवल चेक करते रहे।

24) सूर्य नमस्कार नियमित करने से उच्चरक्तचाप को सामान्य बनाया जा सकता है।

25) हींग में काउमारिन होता है जो ट्राईग्लिसेराइड और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। हींग का सेवन नियमित रूप से करने से भी रक्तचाप सामान्य रहता है।

26)ज्वार व गेंहू के ज्वारा का उपयोग भी उच्चरक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होते है।

27) सहजन की फली का रस सुबह शाम पीने से भी उच्च रक्तचाप में कमी आती है।

28) अनियमित शुगर यानि मधुमेह भी उच्चरक्तचाप बढ़ाती है अतः अपना शुगर कंट्रोल रखे।

29) नियमित अलसी फ्लेक्स सीड्स के सेवन से भी उच्चरक्ताचाप से बचा जा सकता है

30) बढ़ता वजन उच्च रक्तचाप को भी बढ़ता है अतः अपना वजन नियंत्रित ही रखे।

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